वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए कई अहम घोषणाएं की। कोरोना महमरी से बढ़ी मानसिक बीमारियों को देखते हुए मानसिक स्वास्थ्य परामर्श के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके तहत नेशनल टेलीमेंटल सेंटर शुरू किए जाएंगे। आईआईटी बैंगलोर इसके लिए तकनीकि सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और लोगों तक बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया जाएगा।
कोरोना के इस दौर में संक्रमण के कारण लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य के शिकार लोगों का संख्या में 40-60 फीसदी का इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के इस दौर में पैदा हुई तमाम तरह की अनिश्चितताओं का मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, ऐसे में आशंका है कि आने वाले वर्षों में यह गंभीर समस्या बनकर उभर सकती है। मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ, सरकार के इस कदम को सराहनीय बता रहे हैं।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच तैयार किया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी। पिछले साल की तुलना में इस साल स्वस्थ सेक्टर में 0.73% अधिक धन आवंटित किया गया है जो की जीडीपी का लगभग 1.8% होता है।
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